याजूज व माजूज YAJUJ V MAJUJ
कुर्आन करीम के सूर–ए-काहफ में
“याजुज माजुज” का तजकेरा
है | यह लोग आम इन्सानों की तरह हजरत नूह की औलाद में से है | यह बडे जंगजू और
ताकतवर थे | अपनी पडोसी कौमों पर हमले करते रहते, उन के घरों को ताबाह करते, कीमती
चीजें लुट लेते और कत्ल व गारत गिरी करते थे | इन्ही लोगों के फितना व फसाद से
हिफाजत के लिये जुलकरनैन ने एक मजबूत दीवार
बनाई थी |
एक हदीस में आया है के कयामत के करीब जब हजरत ईसा मुसलमानों को
ले कर कोहे तूर पर चले जाएँगे तो अल्लाह तआला याजुज व माजुज को खोल देंगे
| और वह तेजी के साथ निकलने के सबब बलंदी से फिसलते हुए दिखाई देंगे, उन में से
पहले लोग “बुहैर-ए-तबरिया” से गुजरेंगे,
तो सारे पानी को पी कर दरिया को खुश्क कर देंगे | फिर हजरत ईसा और मुसलमान
अपनी तकलीफ दूर करने के लिये अल्लाह तआला से दुआ करेंगे | अल्लाह तआला उन की दुआ
कबूल फर्माएंगे और उन लोगों पर वबाई सुरत में एक बिमारी भेजेंगे और थोडी देर में याजुज व माजुज सब हलक हो जाएँगे
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