कारून और उस की हलाकत

कारून और उस की हलाकत हजरत मूसा को जिन मुखालिफ ताकतों का सामना करना पडा, उन में कारून का नाम भी बहुत मशहूर है, अल्लाह तआला ने उसे इस कद्र माल व दौलत अता की थी के उस के खजाने की चाबियाँ बडे बडे ताकतवर पहलवान मिल कर उठाने में थक जाते थे | कारून दौलत के नशे में अल्लाह को भूल गया और बडा मगरूर हो गया था, हजरत मुसा ने उसे नसीहत फर्माई, के तू तकब्बुर न कर अल्लाह तआला तकब्बुर करने वाले को पसन्द नही करता और जो कुछ अल्लाह ने तुझे दिया है, उसे अल्लाह की मर्जी में खर्च कर के जकात अदा कर के अपनी आखिरत बना और जमीन में फसाद न फैला | मगर कारून पर इस नसीहत का कोई असर न पडा और वह कहने लगा : यह दौलत तो मैं ने अपनी कुव्वते बाजू से कमाई है, इस में किसी का हक नही | कारून का गुरुर जब बहुत बढ गया और हजरत मुसा को जलील करने की साजिशें भी करने लगा, तो एक दिन अल्लाह तआला ने उसे उस के माल व दौलत और महल के साथ जमीन मे धँसा दिया | अल्लाह तआला के इस अजाब से उसे कोई बचा न सका, लोगों ने उस की इस अफसोसनाक मौत से सबक लिया और अल्लाह की तरफ मुतवज्जेंह हो गए |