हजरत हारुन Hajart harun
हजरत हारुन Hajart harun
हजरत हारून हजरत मूसा के हकीकी भाई थे और उन से तीन साल बडे थे | जिस वक्त अल्लाह तआला ने हजरत मूसा को नुबुव्वत अता की और हुक्म दिया के फिरऔन के पास जाओ और उसे दीने हक की दावत दो, उस ने बडा जुल्म कर रखा है तो उसी वक्त हजरत मूसा ने हजरत हारुन की फसाहत व बलागत और कुव्वते बयानी को देख कर उन की नुबुव्वत के लिये अल्लाह तआला से दुआ फर्माई, अल्लाह तआला ने हजरत मूसा कि दुआ कबूल फर्माई और हारून को भी नुबुव्वत अता फर्माई, दोनों ने फिरऔन को दीन की दावत दी और बनी इस्राईल को फिरऔन के जुल्म व सितम से नजात दिलाई | जब हजरत मूसा अपने भाई हजरत हारुन को अपना खलीफा बना कर कोहे तूर पर अल्लाह तआला से बात चीत के लिये तशरीफ ले गए थे, तो बनी इस्राईल ने सामरी जादूगर के बहकावे में आकर बछडे की पूजा पाट शुरू करदी, हजरत मूसा जब वापस आए तो हजरत हारुन पर सख्त नाराज हुए, हजरत हारुन ने अपना उज्र बयान करते हुए कहा मैं ने कौम को बहुत समझाया, मगर समझने के बजाए कौम मुझे कत्ल करने पर आमादा हो गई हजरत हारुन शुरू से ही हजरत मुसा के साथ मिल कर बनी इस्राईल को सीधे रास्ते पर लाने की कोशिश करते रहे | उन्होंने हजरत मुसा से तीन साल पहले इन्तेकाल फर्माया |
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