हुजूर की पैदाईश के वक्त दुनिया पर आसर Hujur ki paidaish ke vakt duniya par asar
रसुलल्लाह स. की मुबारक
पैदाईश से ५० दिन पहेले असहाबे फील का वाकीआ पेश आया, शाहे यमन अबरहा, हथियों के
एक बडे लश्कर को ले कर बैतुल्लाह शरीफ को ढाने के लिये मक्का आया मगर अल्लाह तआला
ने उस पुरे लश्कर को तबाह कर के बैतुल्लाह की खुद हिफाजत फर्माई |
मोअर्रीखीन का
बयान है के जिस वक्त हुजूर स. पैदा हुए, ठीक उसी वक्त किसरा के
शाही महल में सख्त जलजला आगया और उस के चौदा कन्गुरे गिर गए, इसी तरह फारस के आतिशकदे
की आग जो बराबर एक हजार साल से जल रही थी, एक दम से बुझ गई | गोया
अल्लाह तआला की तरफ से एक तरह का यह एलान था के अब इस दुनिया में वह हस्ती पैदा हो
चुकी है, जिन की अजमत व बुलंदी का चरचा पुरी दुनिया में होगा | जो कुफ्र व शिर्क
और गुमराही को खत्म कर के, ईमान व तोहीद का बीज बोएगा और तमाम बुरी आदतों को खत्म
करके लोगों को अच्छे अखलाक सिखाएगा और जो किसी एक कौम, काबीला व खान्दान और मुल्क
का नही बल्के कयामत तक के लिये पुरी दुनिया का हादी व पैगम्बर होगा |
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