हजरत ईसा के हालात Hazrat isa ki Halat
हजरत ईसा के हालात Hazrat isa ki Halat
अगरचे हजरत ईसा की गवाही से बनी इस्राईल के सामने हजरत मरयम की पाक दामनी जाहिर होगई और उन की बदगुमानी दूर हो गई और हजरत ईसा की तरबियात व परवरिश माँ की शफकत में होती रही मगर फिर भी कौम के शरीर लोगों की तरफ से उन की पैदाइश पर बदगुमानी और हजरत जकरिया की मजलूमाना शहादत को हजरत मरयम देख चुकी थीं |
इस लिये वह कौम और “हैरूद” बादशाह के डर से अपने बेटे हजरत ईसा को लेकर अपने रिश्तेदारों के यहाँ मिस्र चली गई, और बारा साल वहाँ रहने के बाद फिर उन को ले कर बैतुलमक्दिस वापस आगई, इस तरह जब हजरत ईसा की उम्र ३० साल हो गई, तो अल्लाह तआला ने कौम की हिदायत व इसलाह के लिये नुबुव्वत अता फर्मा कर आसमानी किताब “इनजील” नाजील फर्माई | उन्होंने कुफ़्र व शिर्क के खिलाफ अपनी दावत व तौहीद का आगाज किया | हजरत ईसा की शकल व सुरत के बारे में हुजूर ने फर्माया : “मेराज के मौके पर मेरी मुलाकात दुसरे आसमान पर हजरत ईसा से हुई तो मैं ने उन को दर्मियानी कद, सुर्ख रंग, साफ शफ्फाफ बदन और काँधे तक लटकी हुई जुल्फों की हलत में देखा |
अगरचे हजरत ईसा की गवाही से बनी इस्राईल के सामने हजरत मरयम की पाक दामनी जाहिर होगई और उन की बदगुमानी दूर हो गई और हजरत ईसा की तरबियात व परवरिश माँ की शफकत में होती रही मगर फिर भी कौम के शरीर लोगों की तरफ से उन की पैदाइश पर बदगुमानी और हजरत जकरिया की मजलूमाना शहादत को हजरत मरयम देख चुकी थीं |
इस लिये वह कौम और “हैरूद” बादशाह के डर से अपने बेटे हजरत ईसा को लेकर अपने रिश्तेदारों के यहाँ मिस्र चली गई, और बारा साल वहाँ रहने के बाद फिर उन को ले कर बैतुलमक्दिस वापस आगई, इस तरह जब हजरत ईसा की उम्र ३० साल हो गई, तो अल्लाह तआला ने कौम की हिदायत व इसलाह के लिये नुबुव्वत अता फर्मा कर आसमानी किताब “इनजील” नाजील फर्माई | उन्होंने कुफ़्र व शिर्क के खिलाफ अपनी दावत व तौहीद का आगाज किया | हजरत ईसा की शकल व सुरत के बारे में हुजूर ने फर्माया : “मेराज के मौके पर मेरी मुलाकात दुसरे आसमान पर हजरत ईसा से हुई तो मैं ने उन को दर्मियानी कद, सुर्ख रंग, साफ शफ्फाफ बदन और काँधे तक लटकी हुई जुल्फों की हलत में देखा |
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