Hazrat Jkriya हजरत जकरिया
Hazrat Jkriya हजरत जकरिया
हजरत जकरिया अल्लाह तआला के मुन्तखब करदा नबी और बनी इस्राईल
के हादी व रहनुमां थे | उन्होंने ईसा का जमाना पाया था | तमाम अम्बियाए किराम का
दस्तूर रहा है के वह अपने हाथ की कमाई से गुजर बसर किया करते थे | हजरत जकरिया ने भी अपने गुजारे के लिये नज्जारी ( सुतारी,
बढाई ) का पेशा इख्तेयार कर रखा था | उन्होंने ही हजरत ईसा
की वालीद-ए-मोहतरमा हजरत मरयम की कफालत व तरबियत
फर्माई थी |
हजरत जकरिया बुढे हो गए थे, लेकीन उन्हें कोई औलाद नही थी
और उन के खान्दान में कोई शख्स उन के बाद बनी इस्राईल की रुशद व हिदायत की खिदमत
अन्जाम देने वाला नही था, इस लिये उन्हें हमेशा यह फिक्र रहती थी के मेरे बाद यह
काम कौन करेगा, एक मर्तबा हजरत मरयम के पास बेमौसम के फल देख कर पुछा के मरयम ! यह कहाँ से आए? तो उन्होने कहा के यह अल्लाह तआला
की तरफ से है |
हजरत जकरिया ने कहा के जो
खुदा बेमोसम के फल देने पर कादिर है, तो वह
बुढापे में औलाद भी दे सकता है | चुनान्चे उन्होंने अल्लाह तआला से एक नेक सालेह
औलाद माँगी, अल्लाह तआला ने उन की दुआ कबूल फर्माई और बडी उम्र में हजरत यहया जैसा बेटा आता फर्माया |
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