हजरत लुकमान हकीम
हजरत लुकमान हकीम
हजरत ईसा से तकरीबन तीन हजार साल
पहले अरब में लुकमान नाम के एक बडे नेक इन्सान गुजरे है, जो हजरत अय्युब के
भांजे या खाला जाद भाई थे | आप अफरीकिय्यून्नस्ल थे और सूडान के नूबी खानदान से तअल्लुक रखते थे और अरब में एक गुलाम की हैसियत से आए थे, मगर आप निहायत नेक, आबिद व जाहिद, अकलमन्द और साहिबे हिकमत इन्सान थे | आप की हकीमाना बाते सहीफ-ए-लुकमान के नाम से अरबों में मशहूर थी | आप की हकीमाना बातों का जिक्र कुर्आने करीम मे सूर-ए-लुकमान में भी मौजूद है | आप अपने बेटे को जिन्दगी के आखिर में नसीहत करते हुए फार्माते है, बेटा ! अल्लाह तआला के साथ किसी को शरीक न करना, बिलाशुबा शिर्क बहुत बडा गुनाह है, बेटा ! नमाज पढा करो और नेक काम का हुक्म किया करो और बुरी बातों से मना किया करो और जो तुम पर मुसीबत आए, उस पर सब्र करो, बेशक यह हिम्मत के काम है और जमीन पर अकड कर न चलो, अल्लाह तआला अकड कर फख्रिया चाल चलने को पसन्द नही करते हैं |
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