हजरत याकूब
हजरत याकूब
हजरत याकूब बिन इसहाक बिन इब्राहीम
अल्लाह के नबी और अहले कनांन (फलस्तीन) के हादी व पैगम्बर थे |कुर्आने करीम में दस से जाइद मर्तबा उन का जिक्र आया है और जगह जगह उन के औसाफ का तजकेरा कर के उन के जलीलुलकद्र नबी और साहिबे सब्र व कनाअत होने की तरफ इशारा किया है | हजरत याकूब को इबरानी जबान में इस्राईल भी कहा जाता है | हजरत इब्राहीम की जो नस्ल आगे चल कर बनी इस्राईल कहलाई वह उन्हीं की तरफ मन्सुब है | उन्होंने चार शादियाँ की थी | अल्लाह तआला ने हर एक से औलाद अता फर्माई, उन को बारा लडके और एक लडकी थी | बिनयामीन के अलावा सारे लडके इराक के शहर “फद्दान इरम” में पैदा हुए थे | एक सौ तीस साल की उम्र में वह अपने महबूब बेटे हजरत यूसुफ की फर्माईश पर अपने पुरे खान्दान के साथ मिस्र चले गए थे, वहाँ १७ साल कयाम रहा और वहीं १४७ साल की उम्र में वफात पाई | हजरत युसूफ ने उन्हें फलस्तीन ला कर हजरत इब्राहीम और हजरत इसहाक के साथ दफन किया |
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