हजरत युसूफ की आजमाइश
हजरत युसूफ की आजमाइश
तमाम अम्बियाए किराम की तरह
हजरत युसूफ को भी अल्लाह की रजा व खुश्नूदी हासिल करने के लिये सख्त आजमाइशों से
गुजरना पडा चुनांचे वालिदे मुहतरम की शफकत व मुहब्बत से महरूम करने के लिये सौतेले
भाइयों ने साजिश कर के आप को अंधेरे कुंवे मे डाल दिया, फिर एक काफले के जरिये अजीजे
मिस्र के हाथों बेच दिये गए |
चंद साल ही गुजरे थे के अजीजे मिस्र की बीवी की
साजिश पर तकरीबन ९ साल जेल में रहना पडा | जब आप ने उन तमाम मराहिल को सब्र व
इस्तेकामत के साथ तय कर लिया तो अल्लाह तआला ने अप के अन्दर हिल्म व वकार, अमानत व
दियानत और इज्जत व शराफत जैसी सिफात मुकम्मल तौर पर पैदा फर्मा दी, आप के इस सब्र
व इस्तेकामत की बिना पर बिछडे हुए भाइयों को मिला दिया, वालिद की गई हुई बीनाई
वापस कर दी और सब से बढ कर आप को जेल खाने से निकाल कर नुबुव्वत हुकूमत से भी सरफराज
फर्मा दिया | इस तरह अल्लाह तआला सब्र करने वाले अपने मुखलिस बन्दों को दीन व दुनिया
की दौलत व इज्जत अता फर्माया करता है |
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