कौमे लूत पर अजाब

                    कौमे लूत पर अजाब

अल्लाह तआला ने हजरत लूत को अहले सदूम की हिदायत व इस्लाह के लिये नबी बना कर भेजा | यह लोग बडे सरकश व नाफर्मान और गुनहगार थे, औरतों के बजाए मर्दो से ख्वाहिश पुरी करना, बाहर से आने वाले ताजीरों का माल हीले बहाने कर के लुट लेना और भारी मज्लिस में खुल्लम खुल्ला गुनाह करना उन की फितरत बन गई थी |

हजरत लूत ने उन को तमाम बुराइयों और गुनाहों से बचने की नसीहत फर्माई, अल्लाह ताआल का दीन कबूल करने की दावत दी और उस के अजाब से डरने का हुक्म दिया, मगर उन की इस दावत व नसीहत का कौम पर कोई असर नहीं हुआ और गुनाहों से बाज रहने के बजाए, आप को पत्थर मार कर बस्ती से बाहार निकाल देने के धमकी देने लगे और मजाक करते हुए अजाबे इलाही का मुतालबा करने लगे | हजरत लूत के बार बार समझाने के बावजुद वह अपनी जिद और हट धर्मी से बाज नही आए, तो अल्लाह तआला ने उस नापाक कौम को दुनिया से मिटाने के लिये अजाब के फरिश्तो को भेज दिया | हजरत लूत फरिस्तों के इशारे पर अपने घर वालों को ले कर सिग्र नामी बस्ती में चले गए और सुबह होते ही एक भयानक और जोरदार चीख ने सारे शहर वालों को हलाक कर दिया | फिर हजरत जिब्राईल ने उस बस्ती को आस्मान की तरफ उठा कर जमीन पर पटख दिया और ऊपर से पत्थरों की बारीश कर के पूरी कौम को अजाबे इलाही से हलाक कर दिया |                                                                                                                                                                                                                                                  

Comments

Popular posts from this blog

हजरत आदम के दो बेटे

जुलकरनैन

हजरत यूशा बिन नून hajart yusha bin nun