जुलकरनैन
जुलकरनैन
कुर्आने करीम के सूर-ए-कहफ में एक ऐसे बादशाह
का तजकेरा किया गया है, जिन का लकब “जुलकरनैन” है, वह बहुत नेक दिल बादशाह थे |
उन्हीं की बदौलत बनी इसराईल ने बाबुल की गुलामी से नजात पाई थी और यरोशिलम (बैतुलमकदिस)
जैसी मुहातरम जगह हर किस्म की तबाही व बरबादी के बाद उन्हीं के हथों दोबारा आबाद
हुआ था |
उन्होंने मश्रीक व मगरीब का सफर किया और फुतूहात भी की | एक मर्तबा सफर
के दौरान एक कौम से मुलाकात हुई जिन्होंने बादशाह जुलकरनैन से याजूज व माजूज के फितना
व फसाद की शिकायत की और कहा : ऐ जुलकरनैन ! उन लोगों से हमारी हिफाजत के लिये एक
दिवार काएम कर दीजीये | उस पर आप जो मुआवजा लेना चाहेंगे हम देने के लिये तय्यार
हैं |
लेकिन जुलकरनैन ने मुआवजा लेने से इन्कार कर दिया और कहा : अल्लाह ने जो कुछ
मुझे दिया हैं वह मेरे लिये काफी है | फिर उन्होने एक मजबूत दीवार काएम कर दी, जो
सद्दे सिकंदरी के नाम से मशहूर है |
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