हजरत इसहाक की खुसूसियत व अजमत
हजरत इसहाक की खुसूसियत व अजमत
हजरत इसहाक अल्लाह तआला के जलीलुलकाद्र नबी और बहुत सारी
सिफात के मालिक थे | कुर्आने करीम ने उन की नेकी व शराफत, नबुव्वत व रहमत
और बलंदी व अजमत की शहादत दी है | उन्हें यह फजीलत व खुसूसियत हासील है के बनी
इस्राईल के सारे अम्बिया उन्हीं की नस्ल से हैं | तारीख से मालूम होता हैं के
तकरीबन साढे तीन हजार अम्बिया उन की नस्ल में पैदा हुए हैं | उस के साथ
“मस्जिदे अक्सा” जैसी
अजीमुश्शन मस्जिद की तामीर का शर्फ भी उन्हीं को हासील है | अल्लाह तआला ने उन के
फजल व कमाल का तजकेरा करते हुए फर्माया :
हम ने हजरत इब्राहीम को हजरत इसहाक ( की विलादत ) की बशारत दी के वह
नबी नेक बन्दों में होंगे और हम ने उन पर और इसहाक पर बरकतें नाजिल फर्माई | { सूर-ए-साफ्फात : ११२ ता ११३}
उन की पैदाइश सरजमीने इराक
में हुई मगर पुरी जिन्दगी मुल्के शाम में रहे और एक सौ साठ साल या एक सौ अस्सी साल
की उम्र में वफात पाई और अपने वालिदे मोहतरम के बराबर में “मदिनतुल खलील” में दफ्न
हुए |
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