हजरत सालेह की दावत और कौम का हाल

        हजरत सालेह की दावत और कौम का हाल
हजरत सालेह हजरत हूद के तकरीबन सौ साल बाद पैदा हुए | कुर्आन में उन का ताजकिरा ८ जगहों पर आया है | अल्लाह तआला ने उन्हें कौम समूद की हिदायत व रहेनुमाई के लिये भेजा था | 

उस कौम को अपनी शान व शौकत, इज्जत व बडाई फाख्र व गुरुर और शिर्क व बुत परस्ती पर बडा नाज था | हजरत सालेह ने उन्हें नसीहत करते फर्माया ऐ लोगो ! तुम सिर्फ अल्लाह की इबादत करो उस के सिवा कोई बन्दगी के लाएक नहीं | वह इस पैगामे हक को सून कर नफरत का इजहार करने लगे और हुज्जत बाजी करते हुऐ नुबुव्वत की सच्चाई के लिये पहाड से हामिला ऊँटनी निकलने का मुतालबा करने लगे | हजरत सालेह ने दुआ फरमाई, अल्लाह तआला ने मुअजिजे के तौर पर सख्त चटान से ऊँटनी पैदा करदी, मगर अपनी ख्वाहिश के मुताबिक मुअजिजा मिळने के बाद भी इस बदबख्त कौम ने नही माना और कुफ़्र व ना फर्मानी की इस हद तक पाहूँच गई के ऊँटनी को कत्ल कर डाला और इसी पर बस नही किया बल्के हजरत सालेह के कत्ल का भी मन्सूबा बना लिया | इस जुर्मे अजीम और जालिमाना फैसले पर गैरते इलाही जोश में आई और तीन दिन के बाद एक जोरदार चीख और जमीनी जलजले ने पुरी कौम को तबाह कर डाला | इस के बाद हजरत सालेह ईमान वालों के साथ फलस्तीन हिजरत कर गए |                                                                             

Comments

Popular posts from this blog

हजरत आदम के दो बेटे

जुलकरनैन

हजरत यूशा बिन नून hajart yusha bin nun