जिन्नात की पैदाइश


कुर्आन व हदीस मे जिनों का तजकेरा कसरत से आया है, इन्सानों से पहले ही उन की पैदाइश हो चुकी थी, अल्लाह तआला ने इन को आग से पैदा फर्माया, एक तवील जमाने तक वह जमीन में आबाद रहे, फिर उन्होंने फसाद मचाना और खुन बहाना शुरू किया, तो अल्लाह तआला ने फरिश्तों के जरिये उन्हें समन्दर के जजीरों और दूर दराज पहाडों की तरफ भगा दिया | 

इबलीस भी जिन्नात में से था लेकिन कसरत इबादत की वजह से फरिश्तों का सरदार बना दिया गया था | लेकीन जब अल्लाह तआला ने हजरत आदम के सामने सज्दा करने का हुक्म दिया तो उस ने तकब्बुर किया और सज्दा करने से इन्कार कर दिया | चुनांचे अल्लाह तआला ने धुतकार कर उस को दुनिया में भेज दिया और उस से तमाम नेअमतें छीन ली | इस तरह तकब्बूर ने उसे हमेशा के लिये जलील व रुस्वा कर दिया |  हुजूर सल. इस दुनिया में इन्सान व जिन्नात दोनों की हिदायत व रहेनुमाई के लिये भेजे गए थे | चुनांचे अहादीस में जिनों को इस्लाम की दावत देने का जिक्र मौजूद है और कुर्आने करीम में जिन्नात की एक जमात के ईमान लाने का भी तजकेरा मौजूद है |                                           


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