कौमे आद

                           कौमे आद

आद” अरब की एक कदीम तरीन कौम का नाम है, इस का जिक्र कुर्आने पाक में २५ मर्तबा आया है, यह कौम जुनुबी अरब में आबाद थी और अम्मान से ले कर यमन तक १३ बिरादरियों में फैली हुई थी, उन के मुल्क की राजधानी यमनी शहर “हजर मौत” थी, उस का जमाना हजरत नूह के तकरीबन चार सौ साल बाद और हजरत ईसा के तकारीबन दो हजार साल पहले का है | यह अपने जमाने की ताकतवर कौम थी और फन्ने तामीर में बडी महारत रखती थी,

पहाडों को तराश कर शान्दार इमारते बनाना उन का महबूब मश्गला था, यह कौम माल व दौलत के नशे में ऐश परस्ती में मुब्तला हो गई थी, कमजोरों पर जुल्म करना, हक बात की मुखालफत और माल व दौलत और अपनी ताकत पर घमंड करना उन की फितरत बन गई थी, जब उस कौम की जुल्म व ज्यादती और शिर्क व बूत परस्ती हद से बढ गई, तो अल्लाह तआला ने हजरत हूद को नबी बना कर उन की हिदायत के लिये भेजा |                                                                    

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