रसूलुल्लाह की मुबारक पैदाइश
रसूलुल्लाह की मुबारक पैदाइश
आखरी नबी हजरत मोहम्मद की
मुबारक पैदाइश मक्का मुकर्र्मा में माहे रबिउल अव्वल मुताबिक माहे एप्रिल ५७१ इसवी
पीर के दिन ऐसे माहोल में हुई के पुरी
दुनिया पर कुफ़्र व शिर्क की तारीकी छाई हुई थी और इन्सानियत गुमराही में भटक रही
थी,
गोया रुहानी तोर पर हर तरफ अंधेरा फैला हुआ था और जो अल्लाह हर रोज चाँद, सुरज
और सितारों के जरिये सारे आलम को रोशन करता था, आज उस ने इन्सनो के तारीक दिलों को
अपनी इबादत व बन्दगी की रोशनी आता करने के लिये अपने प्यारे बंन्दे हजरत मुहम्मद
सल. को हिदायत का आफताब बना कर सय्यीदा आमिना के घर पैदा फर्माया | पैदाइश के बाद
दादा अब्दुल मुत्तलिब ने मुहम्मद नाम रखा | यह नाम अरब में बिलकुल अनोखा था | लोगों
ने अब्दुल मुत्तलिब से अपने पोते का नया नाम रखने की वजह मालूम की, तो उन्होंने कहा
के मेरे पोते की पुरी दुनिया में तारीफ की जाएगी, इस लिये मैं ने यह नाम रखा है |
फिर आप सल. की पैदाइश की ख़ुशी में आप सल. के दादा ख्वाजा अब्दुल मुत्तलिब ने अकीका
किया और तमाम कुरैश को दावत दी |
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