हजरत आदम
हजरत आदम वह पहले इन्सान हैं
जिन से दुनिया में बसने वाले इन्सानों की इब्तेदा हुई है | अल्लाह तआला ने उन का
खमीर तय्यार करने से पहले फरिश्तों से कहा : “अन्करिब में मिट्टी से एक ऐसी मख्लूक
पैदा करने वाला हुँ जिसे जमीन में हमारी खिलाफत का शर्फ हासिल होगा |”
चुनांचे हजरत आदम का खमीर
मिट्टी से गुंधा गया,
फिर अल्लाह तआला ने उस में रूह फुँक दी, तो उसी वक्त वह
जिन्दा इस्नान बन गए, उन के सामने फरिश्तों को सज्दा करने का हुक्म दिया, तो तमाम
फरिश्ते अल्लाह तआला के हुक्म की इताअत करते हुए सज्दे में गिर गए मगर शैतान ने
अपनी बडाई और तकब्बुर की वजह से सज्दे से इन्कार कर दिया और कहने लगा : “मै उस से
बेहतर हुँ क्योंकि आप ने मुझे आग से पैदा किया और आदम को मिट्टी से पैदा किया है
|” इस तरह शैतान अल्लाह के हुक्म को न मान कर हमेशा के लिये अल्लाह की लानत का
मुस्तहिक बन गया और उसी वक्त से वह आदम और उन की औलाद का दुश्मन बन गया |
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