६) एक फर्ज के बारे मे


                        हमेशा सच बोलो  :-
रसूलुल्लाह सल. ने फर्माया : “तुम सच्चाई को लाजीम पकडो और हमेशा सच बोलो, क्योंकी सच बोलना नेकी के रास्ते पर डाल देता है और नेकी जन्नत तक पहुँचा देती है |”

                          खडे हो कर नमाज पढना :-    
कुर्आन में अल्लाह तआला फर्माता है : नमाज में अल्लाह के सामने आजीज बने हुए खडे हुआ करो |
खुलासा : अगर कोई शख्स खडे होकार नमाज पढने की ताकत रखता हो, तो उस पर फर्ज और वाजीब नमाज को खडे हो कर पढना फर्ज है |   

                नेकियों का हुक्म देना और बुराइयों से रोकना :-  
रसूलुल्लाह सल. ने फर्माया : “कसम है उस जात की जिस के कब्जे में मेरी जान है के तुम पर जरुरी और लाजीम है के भलाइयों का हुक्म करो और बुराइयों से रोको, वरना करीब है के अल्लाह तआला गुनहगारों के साथ तुम सब पर अपना अजाब भेज दे, उस वक्त तुम अल्लाह से दुआ माँगोग तो कबुल न होगी |
खुलासा : नेकियों का हुक्म करना और  बुराइयों से रोकना उम्मत के हर फर्द पर अपनी हैसियत और ताकत के मुताबिक लाजिम और जरुरी है |       
   
                        चंद बातों पर ईमान लाना :-
रसूलुल्लाह सल. ने फर्माया : जब तक कोई बंदा इन चार बातों पर ईमान न लाए, तो वह मोमीन नही हो सकता (१) इस बात की गवाही दे के अल्लाह के अलावा कोई इबादत के लाईक नही | (२)
 ( इस की भी गवाही दे के ) मैं अल्लाह का रसूल हुँ उस ने मुझे हक के साथ भेजा है | (३) मरने और फिर जिन्दा होने का यकीन रखना | (४) तक्दीर पर ईमान लाए |

                     पाँचों नामोजों की पाबंदी करना :-
रसूलुल्लाह सल. ने फर्माया : “जो शख्स पाँच फर्ज नमोजों को पाबंदी से पढता है, वह अल्लाह तआला की इबादत से गाफील रहने वालों में शुमार नही होता |”             

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