३) एक फर्ज के बारे मे
इशा की नमाज की अहेमियत :-
रसूलुल्लाह सल. ने फर्माया : “जिस शख्स ने इशा की नमाज
जमात के साथ पढी गोया उसने आधी रात इबादत की और जिस ने फज्र की नमाज जमात से पढी
ली गोया उस ने सारी रात इबादत की |”
गुस्ल
के लीए तयम्मुम करना :-
कुर्आन में अल्लाह तआला
फर्माता है : “अगर तुम बिमार हो जाओ, या सफर में हो या तुम में से कोई शख्स अपनी
तबई जरुरत ( यानी पेशाब पाखाना कर के ) आया हो या अपनी बिवी से मिला हो और तुम
पाणी ( के इस्तेमाल पर ) ताकत न रखते हों, तो ऐसी हालत में तुम पाक मिट्टी का
इरादा करो ( यानी तयम्मुम कर लो )|”
खुलासा : अगर किसी पर गुस्ल फर्ज हो जाए और पाणी
इस्तेमाल करने की ताकत न हो, तो ऐसी सुरत में गुस्ल के लिए तयम्मुम कर के नमाज
पढना फर्ज है और तयम्मुम का तरिका यह है के पहेले निय्यत करे, फिर एक मर्तबा दोनों
हाथों को मिट्टी पर मार कर अपने मुंह पर फेरे और दुसरी मर्तबा दोनों हाथों को
मिट्टी पर मार कर कोहोनियाँ तक फेरे ले |
रुकू व सज्दा अच्छी तरह करना :-
रसूलुल्लाह सल. ने फर्माया : “बदतरिन चोरी करने वाला वह शख्स है, जो नमाज में से चोरी
कर लेता है | सहबा ने अर्ज किया : या रसूलुल्लाह ! आदमी नमाज में से किस तरह चोरी
कर लेता है ? इर्शाद फर्माया; वह रुकू और
सज्दा अच्छी तरह नही करता !”
खुलासा : रुकू और सज्दा अच्छी
तरह न करने को हुजूर रसूलुल्लाह सल. ने चोरी बताया है; इस लिए इन को अच्छी तरह
इत्मिनान से अदा करना जरुरी है |
तमाम रसुलों पर ईमान लाना :-
कुर्आन में अल्लाह तआला फर्माता है : “जो लोग
अल्लाह तआला पर ईमान रखते है और उस के रसूलो पर भी और उन में से किसी में फर्क नही
करते, उन लोगों को अल्लाह तआला जरुर उन का सवाब देंगे और अल्लाह तआला बडे मगफिरात
वाले है, बडी रहमत वाले है |”
खुलासा : अल्लाह तआला ने
इन्सानो की हिदायत और रहनुमाई के लिए जितने नबी और रसूल भेजे है, उन सब पर ईमान
लाना फर्ज है |
मांगी हुई चीज का लौटाना :-
रसूलुल्लाह सल. ने फर्माया : “( वापसी की शर्त पर ) मांगी हुई चीज को वापस किया जाएगा”
फायदा : अगर किसी शख्स ने
कोई सामान यह कह कर मांगा के वापस कर दुँगा, तो उस को मुकर्ररा वक्त पर लौटाना
वाजिब है, उस को अपने पास रख लेना और बहाना बनाना जाईज नही है |
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