१) एक फर्ज के बारे मे
सुबह की नमाज अदा करणे पर
हिफाजत का जिम्मा :-
रसूलुल्लाह
सल. ने फर्माया “ जिस ने सुबह ( यानी फज्र ) की नमाज अदा की, वह अल्लाह की हिफाजत
मे है |”
हज की फर्जीयत :-
रसूलुल्लाह सल. ने फर्माया “ ऐ लोगो ! तुम पर हज फर्ज कर दिया गया है, लिहाजा
उस को अदा करो |”
दिन मे नमाज की अहेमियत :-
एक आदमी ने रसूलुल्लाह सल. अर्ज किया अल्लाह के रसूल ! इस्लाम मे अल्लाह के
नजदीक सब से ज्यादा पसंदीदा अमल क्या है ? आप रसूलुल्लाह सल. ने फर्माया “ नमाज को
उस के वक्त पर अदा करना और जो शखस नमाज को ( जान बुझ कर ) छोड दे उस का कोई दिन
नही है और नमाज दिन का सुतून है |
गिर्वी रखी हुई चीज से फायदा
न उठाना :-
हजरत इब्ने मसउद के पास एक शख्स आए और कहा के एक
घोडा ( मेरे पास ) गिर्वी रखा गया था, लेकीन मै उस पर सवार हो गया ( तो क्या मेरे
लिए गिर्वी रखे हुए घोडे पर सवार होना जायज है ? ) हजरत अब्दुल्लाह बिन मसउद ने
फर्माया “ उस घोडे से तुम जितना फायदा उठाया वह सूद है |
पाँचों नमाजें अदा करणे पर
बशारत :-
रसूलुल्लाह सल. ने फर्माया के अल्लाह तआला फर्माता है “ मै ने आप की उम्मत
पर पाँच नमाजें फर्ज की है और इस बात का अहेद कर लिया है के जो शक्स इन ( पाँचो
नमाजों ) को वक्त पर पाबंदी से अदा करेगा तो मैं उस को जन्नत में दाखील कर दुँगा
और जो उसे पाबंदी से अदा नही करेगा. तो उस के लिया मेरे पास कोई अहेद नही |”
पर्दा करणा फर्ज है :-
अल्लाह तआला फर्मता है “( ऐ औरतों ! ) तुम
अपने घरों में ठहरी रहा करो और दौरे जाहीलीय्यत की तरह बे पर्दा मत फिरो |”
फायदा :- तमाम मुसलमान
औरतों के लिए जरुरी है के जब किसी सख्त जरुरत के तहत घर से निकले, तो पुरी तरह पर्दे
का खयाल रखते हुंए बाहर जाएं, क्यौंकी
पर्दा करणा तमाम औरतों पर फर्ज है
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