एक फर्ज के बारे मे
चंद बातो पर
ईमान लाना :-
रसूलुल्लाह स. ने फर्माया “जब तक कोई बंदा इन
चार बातो पर ईमान न लाए तो वह मोमीन नही हो सकता |
(१)
इस बात की गवाही देके
अल्लाहा के अलावा कोई इबादत के लायक नही |
(२)
( इस की भी गवाही देके ) मै
अल्लाहा का रसूल हुं उस ने मुझे हक के साथ भेजा है |
(३)
मरणे और फिर दोबारा जिंदा
होणे का यकीन रखे |
(४)
तकदीर पर ईमान लाए |
नमाज के लिये पाकी हासील करना :-
अल्लाह तआला फर्मता है “ ऐ ईमान वालो | जब तुम
नमाज पढने का इरादा करो
( अगर
तुम बा वजू न हो ) तो ( वजू करणे के लिये ) अपने चेहेरे को धोओ और हाथो को कोहनियो
समेत ( धोओ ) और अपने सरो पर ( भीगा हाथ ) फेरो
और पैरो को भी टख्ने समेत ( धोओ )
और अगर तुम जनाबत की हालत मे हो, तो ( नमाज से
पहेले सारा बदन ) पाक कर लो |
गुस्ल मे पुरे बदन पर पानी बहाना :-
रसूलुल्लाह स. ने फर्माया “ ( जिस्म ) के हर बाल
के नीचे नापकी होती है, लिहाजा तुम बालो को धोओ और बदन को अछी तरह साफ करो |
फायदा : गुस्ल मे पुरे बदन पर पानी का पहुंचाना
फर्ज है | इस लिय खुसूसन सर के बालो, दाढी की जड मे पानी पहुंचाना चाहिये और औरतो
को अपने बाल खोल कर गुस्ल करणा चाहिये,
ताके पानी बालो की जडो तक पाहुंच जाए |
नमाज छोडने पर वईद :-
रसूलुल्लाह
स. ने फर्माया “ नमाज का छोडना आदमी को कुफ्रसे मिला देता है |”
एक दुसरे हदीस मे आप रसूलु स. ने फर्माया “ ईमान
और कुफ्र के दर्मियान नमाज छोडने का फर्क है |
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